Initial Coin Offerings क्या है? Initial Coin Offerings काम कैसे करता है? | What are Initial Coin Offerings in Hindi?

आज के इस लेख में हम बात करने जा रहें हैं Initial Coin Offerings के बारें में और जानेंगे की Initial Coin Offerings क्या है?, ये काम कैसे करता है और इससे जुडी कुछ और भी खास बातें। 

पिछले कुछ वर्षो Cryptocurrency चर्चा में जिसकी बड़ी वजह Bitcoin की success भी है। Bitcoin के लगातार बढ़ती कीमत न सिर्फ लोगो को इसके बारें में जानने के लिए उत्सुक कर रही है बल्कि इसमें निवेश करके इसका लाभ उठाने के लिए आकर्षित कर रहीं हैं। 

Cryptocurrency छोटी इंडस्ट्री नहीं है इसमें बहुत सी चीज़े शामिल है इनमे से एक है Initial Coin Offering। Initial Coin Offerings funds raise करने की लिए एक जरिया जिससे नयी cryptocurrencies को issue किया जा सके। परन्तु, अभी लोग इसके बारें जागरूक नहीं है। अगर आप cryptocurrency में रूचि रखते है तो आपका इसके बारे में जानना आवश्यक है। 

इसलिए, हम इस लेख Initial Coin Offerings के बारे में गहरायी से जानने की कोशिश करेंगे की Initial Coin Offerings क्या है?, ये काम कैसे करता है, इसका भविष्य क्या है, इसके types, आदि। 

Initial Coin Offerings क्या है?

Initial Coin Offerings new cryptocurrencies, coin, service, आदि को issue करने के लिए crowdfunding करने का एक रास्ता है। इसमें investors निवेश करते है, पैसे निवेश करने के बदले में Company की तरफ से उन्हें Cryptocurrency token issue किये जाते है। इन tokens के द्वारा वे Company के products और services का इस्तेमाल कर सकते है और company में stake भी ले सकते है।

इन tokens को Investors बहुत तरीके से इस्तेमाल कर सकते है। वह इन tokens को किसी को भी sell कर सकते है या फिर वह इन tokens को hold भी कर सकते है और भविष्य में price बढ़ने के बाद उन्हें बेच सकते है। ज़्यादातर लोग इन tokens का use Bitcoin, Ethereum, shiba, etc जैसी Cryptocurrencies को खरीदने में करते हैं।

Key Points:

Initial Coin Offering एक तरीका है Crowdfunding का। 

निवेश करने के बदले में investors को crypto tokens मिलते है। 

इन tokens का प्रयोग बहुत तरीके से कर सकते है जैसे – इनको sell कर सकते है, इससे cryptocurrencies खरीद सकते है।

Initial Coin Offering के प्रकार 

Initial Coin Offering के दो प्रकार हैं –

Initial Coin Offering के प्रकार 

1. Private ICO

इसमें केवल प्रमाणित निवेशकों को ही निवेश करने की अनुमति होती है। Private ICO में निवेशकों पर company का पूरा control होता है की वह कितना निवेश कर सकते है तथा इसमें company निवेश करने के लिए एक minimum amount भी निर्धारित कर सकती है। 

2. Public ICO

वहीँ, Public ICO में कोई भी निवेश कर सकता है। यह ऐसी crowdfunding है जो general public को target करती है। और, इसमें निवेशक किसी भी crypto exchange से coin खरीद पाते हैं। 

Initial Coin Offerings काम कैसे करता है?

आईये अब देखते है की Initial Coin Offerings काम कैसे करता है। तो जब भी किसी company को funds raise करना होता है तो वह एक white paper create करती है जो की public के साथ share की जाती है। इस white paper में प्रोजेक्ट से जुड़ी सारी details होती है।

White paper में details शामिल है –

  • Project Briefing
  • कितना fundraise किया जाना चाहिए 
  • किस type की currency acceptable होगी जैसे – Bitcoin, Ethereum या fiat money
  • Virtual tokens की cost क्या रहेगी 
  • क्या fund प्रोजेक्ट के purpose को पूरा कर पायेगा?
  • Campaign का time period क्या रहेगा

Case 1

जब startup को जरूर के जितना fund नहीं मिल पता है तो firm को निवेश किया हुआ धन निवेशकों को वापस लौटना पढता है और इस स्तिथि में ICO को failed मन जाता है।

Case 2

अगर company fund raise करने में सफल हो जाती है तो इस धन का प्रयोग वह white paper में दिए गए लक्ष्य को पूरा करने में करती है।

Fund raise करने के लिए Structure

Fund raise करने के लिए तीन प्रकार के structure का प्रयोग किया जाता है 

1). Static Price and Static Token: इसमें tokens का price और company द्वारा issue किये जाने वाले tokens की संख्या fixed होती है। 

2). Dynamic price and Static Token: इसमें tokens की संख्या fixed रहती है परन्तु tokens का price dynamic हो सकता है। 

3). Static Price and Dynamic Token: इस case में tokens की संख्या dynamic होती है और tokens का price fixed रहता है।

Initial Coin Offering के फायदे और नुक्सान 

हर एक चीज़ के फायदे-नुकसान होते हैं। उसी तरह, Initial Coin Offering के भी कुछ फायदे और नुक्सान है। तो आईये सबसे पहले ICO के कुछ फायदों के बारे में जानते है। 

Initial Coin Offering के फायदे –

ICO के बहुत से फायदे हैं जैसे इसके जरिये companies fund raise कर पाती है। अपना धन निवेश करने के लिए निवेशकों को crypto tokens प्राप्त होते हैं जिनका इस्तेमाल वह दूसरी cryptocurrencies जैसे Bitcoin, ethereum, doge, आदि को खरीदने में कर सकती है और चाहे तो वह इन tokens को sell भी कर सकती है।

Key points:

  • Company धन जुटा पाती हैं
  • कोई भी ICO launch कर सकता है 
  • कोई भी निवेश कर सकता है 
  • इन tokens का प्रयोग sell या investing में किया जा सकता है 
  • इसमें liquidity होती है 

Initial Coin Offering के नुक्सान –

बहुत से लाभ होने के साथ-साथ इसमें कुछ खामिया भी है। ऐसी बहुत सी companies हैं जो इसमिए फ्रॉड कर रही हैं और वह जुटाए हुए धन को लेकर भाग जाती है। तो, ICO में निवेश करने से पहले आपको project के बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत आवश्यक है। और इसमें tokens के price में भी अनिश्चता होती है, अगर coin वर्तमान में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है तो यह जरुरी नहीं की वह भविष्य में भी वैसा ही करता रहेगा। 

Key points:

  • Tokens के price में अनिश्चता 
  • Fraud कम्पनियाँ 

ICO Regulation

वर्तमान समय में इसमें कोई regulation नहीं है। कोई भी proper technical knowledge के साथ ICO launch कर सकता है।

Initial Coin Offerings (ICO) के उदहारण 

Initial Coin Offering का भविष्य 

Initial Coin Offering के बहुत से फायदे और निवेशकों के बढ़ते interest को देखकर यही प्रतीत होता है की भविष्य में यह जरूर boom कर सकती है। ICO ने सिर्फ कुछ ही वर्षो में काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है। अगर कंपनियां fund जुटाने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल करती रहती है तो इसका भविष्य काफी उज्जवल हो सकता है।

आशा करता हूँ आपको ये लेख पसंद आया होगा, इसमें मेने Initial Coin Offerings क्या है?, Initial Coin Offering के प्रकार, यह काम कैसे करता है?, Fund raise करने के लिए Structure, Initial Coin Offering के फायदे और नुक्सान, IPO और ICO के बीच अंतर, और Initial Coin Offering का भविष्य, आदि को बेहद ही सरल भाषा में समझने का प्रयत्न किया। अगर आप मुझे support करना चाहते है तो आप इस article को ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ share करे।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शिक्षा के उद्देश्यों के लिए है और निवेश करने की सलाह नहीं देती है इसलिए, यदि आप किसी Cryptocurrency में निवेश या व्यापार करना चाहते हैं, तो अपने जोखिम पर निवेश करें। Cryptosikhohindi ऐसी जानकारी का उपयोग करके प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उत्पन्न होने वाली हानि या क्षति पर दायित्व स्वीकार नहीं करेगा।

FAQ

ICO की full form क्या है?

ICO की full form Initial coin Offering है

Initial Coin Offering में कौन निवेश कर सकता है?

Initial Coin Offering में कोई भी निवेश कर सकता है। निवेश करने के बदले निवेशकों को crypto tokens/coin प्राप्त होते हैं। 

Initial Coin Offering (ICO) को launch कौन कर सकता है?

कोई भी जिसके पास technology की proper knowledge है ICO launch कर सकता है। 

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